lost soul 2

Saturday, 8 November 2014

ज़ख़्म..!!!


चल, भूल उसे, जिसने भी,  दिए हों  तुझको  लाख ज़ख़्म,
मत ढूँढ उसे, जो लगाये, तेरे उन जख्मो पे मरहम।

तू  मिल उनसे, जो खुद हैं जख्मी,
जाकर लगा उनके जख्मों पर मरहम।

शायद तेरे जख्मों को भी , मिल जाए,
कहीं सुकून और आराम।

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