lost soul 2

Saturday, 27 September 2014

सज़ा


 दिए तेरे सारे जख़्म, मुस्कुरा कर सहते आयें हैं ,
ख़ुशी चाहते थे, पर ग़मों का जाम होठों से लगा पीते आएं हैं। 

तुममे  और मुझमे फर्क सिर्फ इतना सा है,
तुम्हे खुशियाँ बाँटना नहीं आया,
और हमें तुम्हे भूलना नहीं आया।

बस यही थी मेरी एक छोटी- सी खता,
अब उसी की मिल रही , शायद  मुझे इतनी बड़ी सज़ा। 

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