lost soul 2

Friday, 7 November 2014

सपने तो बस ये सपने हैं, इनको कैसे मैं ठुकरा दूँ?



कैसे रोकूँ सपनो को मैं, सपनो पे मेरा जोर नहीं,
बस ये ही मेरे अपने हैं, हक़ इनपे किसी और का नहीं। 

कहा था तुमने शायद एक दिन, ऐसे सपनो को मत देखो,
सपने तो बस ये सपने हैं, इनको कैसे मैं ठुकरा दूँ?

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