lost soul 2

Saturday, 27 December 2014

अब तुम्हें सिर्फ एक दोस्त मानू, मेरे से कभी होगा नहीं।

और उसने कहा हम अच्छे दोस्त रहेंगे,
और उसने कहा, हम कभी कभी बातें भी किया करेंगे

और उसने कहा, हम मैसेज भी भेज सकते है नार्मल फॉरवार्डिंग वाले।
और उसने कहा चलो इस रिश्ते को अब यहीं ख़त्म करते हैं।

 मैंने हँस कर, मुस्कुरा करा तेरी इस बात को मंजूर कर लिया,
मैंने बिना गिले-शिकवे के तेरी ख़ुशी के ख़ातिर तेरे बनाये हर बंन्दिश को मान लिया

पर अब जिस रास्ते पे बढ़ गया हूँ मैं , वापस वहां से लौटना मेरे बस का नहीं,
अब तुम्हें सिर्फ एक दोस्त मानू, मेरे  से कभी होगा नहीं।

तभी मैं जा रहा हूँ,  दूर,बहुत दूर,
अपने रस्ते अलग करने, अपनी मंजिल अलग करने

इतनी दूर जहाँ से मुझे तुम्हे,
सिर्फ दोस्त कहने की जरुरत ही  न पड़े। 


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