ना कर ख्वाइश की,
लगाए कोई जख्मों पर तेरे मरहम,
ना कर किसी अजनबी को,
कर अपना बनाने कोशिश,
ना ही रख हसरत दिल-ही-दिल में,
पाने की चाहत किसी और से।
पाने की चाहत किसी और से।
तू बन खुद का साहिल,
तू बन खुद की मंजिल,
तू बन खुद का हौसला,
तू बन खुद अपने मर्जों की दवा।
ईश्वर भी देता साथ उसका,
जो करता खुद प्रयास है,
ना कोशिश कर प्यार पाने की,
तू बस प्यार खुद से करना सीख ले।
जिस दिन सीखेगा खुद को चाहना,
तू बांटेगा प्रेम चहु-ओऱ।
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