वो एक दिन, जब तुम मुझसे दूर हुए,
वो एक दिन, जब बाज़ारे रौनक़ वीराने धुल हुई,
वो एक दिन, जब गौरैया चौबारे पे गाती नहीं है,
वो एक दिन, जब बगिया में फूल मुस्कुराते नही हैं।
Disclaimer: Image taken from Google search |
वो एक दिन, जब से मैं बदल सा गया हूँ,
वो एक दिन, जब से मैं अंनजाने सफ़र पर निकल सा गया हूँ,
वो एक दिन, जब सब कुछ जाना-पहचाना होकर भी अनजाना सा है,
वो एक दिन, जबसे सब कुछ छूटा जा रहा है, सिवाए तेरी यादों के।
वो एक दिन, जब से मैं मुझसे ही दूर होता जा रहा हूँ,
वो एक दिन, जब से मैं मुझी को भूलता जा रहा हूँ,
वो एक दिन, जब से हर अनजानी गलियों में बस तुझे ढूँढता फिर रहा हूँ,
वो एक दिन, जब से मैं किसी अँधेरे मोड़ पर भटक सा गया हूँ।
काश !
कहीं वो एक दिन हक़ीक़त ना होती बस एक फसाना सा होता।
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