lost soul 2

Tuesday, 10 January 2017

कविता: आँखों ने ख़ुदबख़ुद सारी बातें कह डालीं।


 उलझन थी, 
मिलने की पहली बार में,
जाने तुम्हे क्या पूछूँ, 
क्या बोलूँ  अपने बारे में?


मिले हम तुम,
ना  तुमने कुछ पूछा, 
ना मैंने कुछ कहा,
आँखों ने ख़ुदबख़ुद सारी बातें कह डालीं।


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